अनुभव ने कोचिंग पढा कर जिले में प्राप्त किया इण्टरमीडियट परीक्षा में चौथा स्थान
माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा घोषित इंटरमीडिएट के रिजल्ट में जिले में विज्ञान वर्ग में चौथा स्थान प्राप्त करने वाले अनुभव ने एक मिसाल कायम की है मिल्कीपुर तहसील के संत भीखा दास रामजस इंटर कॉलेज मोहली के छात्र अनुभव ने 88% अंकों के साथ परीक्षा उत्तीर्ण की 440 अंक गणित बिषय के साथ प्राप्त करने वाले अनुभव की हालत बहुत ही दयनीय है गरीबी से तंग हाल अनुभव अपने परिवार का खर्च भी स्वयं उठाते हैं जिसके लिए वह सुबह उठकर पहले कोचिंग पढ़ाते हैं उसके बाद अपनी पढ़ने के लिए वे स्वयं विद्यालय जाते हैं अनुभव के घर में उनके पिता और दो बहनों के अलावा अनुभव स्वयं हैं और खेती पाती उनके यहां ना के बराबर है उनकी दो बहनों की भी पढ़ाई लिखाई का जिम्मा भी अनुभव के ऊपर है उनके पिता केवल घर पर रहते हैं उनके पास कोई रोजगार नहीं है अनुभव ने *यू न्यूज़* को बताया कि सुबह से लेकर शाम तक और विद्यालय से लेकर अपने घर तक केवल पढ़ाई का ही कार्य करते हैं भविष्य में इंजीनियरिंग के क्षेत्र में जाकर देश की सेवा करना चाहते हैं अपनी सफलता का श्रेय अपनी पिता बहनों एवं विद्यालय के संस्थापक एन सी तिवारी को देते हुए कहा कि कठिन परिश्रम और मेहनत के बल पर कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है उन्होंने विद्यालय परिवार की इस बात के लिए प्रशंसा की की उनके जैसे गरीब छात्रों को शुल्क मुक्त करके विद्यालय ने अपना फर्ज बखूबी निभाया है!
बोले संस्थापक
संत भीखा दास रामजस इंटर कॉलेज मोहली अमानीगंज के संस्थापक एन सी तिवारी ने बताया कि उनको गरीब और अभावग्रस्त छात्रों की मदद करने के बाद आत्मीय शांति मिलती है *यू न्यूज़* से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनका स्वयं का गरीबी से पुराना नाता रहा है और अभावग्रस्त जीवन बिताने के कारण उनका स्वयं का शुल्क मुक्त रह चुका है इंटर कॉलेज की पढ़ाई में उनकी स्वयं की फीस विद्यालय द्वारा माफ की जाती रही है जिससे प्रेरणा करके वह अपने संस्थाओं में गरीब और प्रतिभावान छात्रों के लिए शुल्क मुक्ति में कभी भी देर नहीं करते हैं उन्होंने बताया कि विद्यालय द्वारा शुरू से ही अनुभव का शुल्क माफ किया गया है!
गरीब परिवार से हैं होनहार अनुभव
अनुभव के घर में उनके पिता रामसुंदर गुप्ता ने बताया कि पत्नी की मृत्यु के बाद वह कहीं भी नहीं आते जाते हैं और घर पर पूरा दिन और रात रहते हैं इस विषम परिस्थिति में उनके पुत्र ने परिवार को सहारा दे रखा है और कोचिंग पढ़ा कर जहां एक तरफ परिवार की परवरिश करता है वही दो बेटियों की पढ़ाई लिखाई का भी पूरा जिम्मा उठाता है विद्यालय से शुल्क मुक्त होने के कारण उन्हें इससे सुविधा मिल जाती है गरीबी और तंगहाली मैं जीवन बिता रहे अनुभव ने इस बात को सिद्ध कर दिया कि यदि पक्का इरादा और दृढ संकल्पित हो तो मंजिल कभी भी दूर नहीं होती हैं।
रिपोर्ट-- रामेंद्र भूषण पान्डेय/ यू न्यूज अयोध्या
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विद्यालय ने माफ कर दिया था शिक्षण शुल्कमाध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा घोषित इंटरमीडिएट के रिजल्ट में जिले में विज्ञान वर्ग में चौथा स्थान प्राप्त करने वाले अनुभव ने एक मिसाल कायम की है मिल्कीपुर तहसील के संत भीखा दास रामजस इंटर कॉलेज मोहली के छात्र अनुभव ने 88% अंकों के साथ परीक्षा उत्तीर्ण की 440 अंक गणित बिषय के साथ प्राप्त करने वाले अनुभव की हालत बहुत ही दयनीय है गरीबी से तंग हाल अनुभव अपने परिवार का खर्च भी स्वयं उठाते हैं जिसके लिए वह सुबह उठकर पहले कोचिंग पढ़ाते हैं उसके बाद अपनी पढ़ने के लिए वे स्वयं विद्यालय जाते हैं अनुभव के घर में उनके पिता और दो बहनों के अलावा अनुभव स्वयं हैं और खेती पाती उनके यहां ना के बराबर है उनकी दो बहनों की भी पढ़ाई लिखाई का जिम्मा भी अनुभव के ऊपर है उनके पिता केवल घर पर रहते हैं उनके पास कोई रोजगार नहीं है अनुभव ने *यू न्यूज़* को बताया कि सुबह से लेकर शाम तक और विद्यालय से लेकर अपने घर तक केवल पढ़ाई का ही कार्य करते हैं भविष्य में इंजीनियरिंग के क्षेत्र में जाकर देश की सेवा करना चाहते हैं अपनी सफलता का श्रेय अपनी पिता बहनों एवं विद्यालय के संस्थापक एन सी तिवारी को देते हुए कहा कि कठिन परिश्रम और मेहनत के बल पर कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है उन्होंने विद्यालय परिवार की इस बात के लिए प्रशंसा की की उनके जैसे गरीब छात्रों को शुल्क मुक्त करके विद्यालय ने अपना फर्ज बखूबी निभाया है!
बोले संस्थापक
संत भीखा दास रामजस इंटर कॉलेज मोहली अमानीगंज के संस्थापक एन सी तिवारी ने बताया कि उनको गरीब और अभावग्रस्त छात्रों की मदद करने के बाद आत्मीय शांति मिलती है *यू न्यूज़* से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनका स्वयं का गरीबी से पुराना नाता रहा है और अभावग्रस्त जीवन बिताने के कारण उनका स्वयं का शुल्क मुक्त रह चुका है इंटर कॉलेज की पढ़ाई में उनकी स्वयं की फीस विद्यालय द्वारा माफ की जाती रही है जिससे प्रेरणा करके वह अपने संस्थाओं में गरीब और प्रतिभावान छात्रों के लिए शुल्क मुक्ति में कभी भी देर नहीं करते हैं उन्होंने बताया कि विद्यालय द्वारा शुरू से ही अनुभव का शुल्क माफ किया गया है!
गरीब परिवार से हैं होनहार अनुभव
अनुभव के घर में उनके पिता रामसुंदर गुप्ता ने बताया कि पत्नी की मृत्यु के बाद वह कहीं भी नहीं आते जाते हैं और घर पर पूरा दिन और रात रहते हैं इस विषम परिस्थिति में उनके पुत्र ने परिवार को सहारा दे रखा है और कोचिंग पढ़ा कर जहां एक तरफ परिवार की परवरिश करता है वही दो बेटियों की पढ़ाई लिखाई का भी पूरा जिम्मा उठाता है विद्यालय से शुल्क मुक्त होने के कारण उन्हें इससे सुविधा मिल जाती है गरीबी और तंगहाली मैं जीवन बिता रहे अनुभव ने इस बात को सिद्ध कर दिया कि यदि पक्का इरादा और दृढ संकल्पित हो तो मंजिल कभी भी दूर नहीं होती हैं।
रिपोर्ट-- रामेंद्र भूषण पान्डेय/ यू न्यूज अयोध्या